Art & Rhythm Foundation feels honoured to announce a “CIVIC RECEPTION” function to honour “War-Widows” (Veeranganas) and to felicitate Women of Courage for their distinguished service to the nation & society on Monday, the 28th December 2015 at Kamani Auditorium, New Delhi-110001.
The function will start with the theme “SARHADEIN” which is a dance-drama by well-known “Kathak exponent”, Sonali Sharma, disciple of Guru Rajender Gangani of “Jaipur Gharana” and will end with the words “Shawet-KabTak“, where the special focus will be on the contribution of such women whose undying love for the country becomes a beautiful example and a source of inspiration for others. A ‘soul-searching’ photo exhibition by eminent artists has been organized on the above theme and would be showcased for the audience. A “Veerangana” bears the true scars of struggle and faces desolation for a lifetime and it’s rightly said that the soldier’s war has ended, but the war of his “Ardhangani” has just begun. The sole idea behind this movement is to ensure that the Veeranganas receive heart-felt respect of the society and nation at large and her aspirations to move forward towards a dignified life are free from social stigmas.
Through the Dance-Drama performance, we make a plea to the Civil Society to not only understand but also cherish the role of these “Bharat Ki Veeranganas”, the ‘ever-victorious’ women. Art & Rhythm Foundation makes an appeal – Let us together, as brothers & sisters, arise to address the social issues which hamper the growth of our beloved India, for which numerous soldiers and their families have made the supreme sacrifice. It starts with us, it starts with me. I arise!!!
The first thing you’ll notice about our plight is that it’s not focused on grief and death as much as support and recovery. We offer compassion and encouragement – seeing to that the struggling get help to stand on their own and to say “Yes” I can do it.
आर्ट एण्ड रिद्म फाउंडेशन ये ऐलान करते हुए स्वंय को गौरवान्वित महसूस कर रही है कि वो 28 दिसम्बर 2015 को अपने कार्यक्रम सरहदें के माध्यम से उन महिलाओं को सम्मानित कर रही है जिन्होंने देश के लिए शहीद के रूप में अपने पति भाई और पिता को खोने के बावजूद अपना हौंसला नहीं खोया और पूरी दृढ़ता के साथ ना केवल अपने परिवार को संभाला बल्कि अपने कठोर परिश्रम से समाज में वो मुकाम भी हासिल किया जो ओरों के लिए भी मिसाल बना।
इस अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया जायेगा साथ ही सरहदें कार्यक्रम के अन्तर्गत सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सोनाली शर्मा एक नृत्य नाटिका प्रस्तुति करने जा रही है जिसमें देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले उन शहीद परिवार की महिलाओँ की व्यथा-कथा होगी जो समाज में कम ही उजागर होती है। आर्ट एण्ड रिद्म का ये विचार है कि इन महिलाएं का दर्जा किसी वीरांगना से कम नही हैं। समाज में शहीदों के परिवारों से इन आम महिलाओं को एक खास वीरांगना की श्रेणी में लाने का ये बीड़ा आर्ट एण्ड रिद्म ने उठाया है। जल्द ही आर्ट एण्ड रिद्म इन वीरांगनाओं को समर्पित सरहदें कार्यक्रम लेकर आपके समक्ष होगा। हमे विश्वास है कि इस कार्यक्रम से समाज में एक ऐसी जागृति आएगी जिससे इन वीरांगना को वो स्थान, सम्मान मिलेगा जिसकी वो हक़दार हैं। इस खास मौके को कुछ और खास बनाने के लिए हमे आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की विशेष अवश्यकता है अत: आप से नम्र विनती है कि इस स्मारिका के लिए अपना शुभ सन्देश और आशीर्वाद देकर हमे कृतार्थ करें।
धन्यवाद सहित
आपकी शुभेच्छु
श्रीमती सुदेश शर्मा
अध्यक्ष,आर्द एण्ड रिद्म।